सिंगोली तहसील की सुतारों की बड़ी में जर्जर स्कूल बिल्डिंग कभी भी हो सकती है हादसे का शिकार, खुले में पढ़ रहे हैं बच्चे आखिर कौन है जिम्मेदार।

Chautha samay@singoli news
सिंगोली। नीमच जिले में प्राथमिक स्कूलों का बुरा हाल है। सरकार करोड़ों रुपए बच्चों की शिक्षा व्यवस्था पर खर्च है कर रही है, फिर भी यहां प्राथमिक शिक्षा राम भरोसे चल रही है।
जिले के एक गांव में बीते 15 साल से ज्यादा पुरानी बिल्डिंग की छत पूरी तरह से जर्जर हो गई है।जिससे संस्था में अध्ययनरत 34 से ज्यादा बच्चों की क्लास पेड़ के नीचे खुले आसमान के नीचे लगाई जा रही है। इस बिल्डिंग को इंजीनियर द्वारा भी अनुपयोगी बता दिया गया है। जबकि जिला शिक्षा अधिकारी ने गत वर्ष ही बिल्डिंग मरम्मत का आदेश भी जारी किया था।
मध्यप्रदेश के नीमच जिले में प्राथमिक शिक्षा राम भरोसे चल रही है। सरकारी प्राथमिक स्कूलों के भवनों के जर्जर हो जाने से अब खुले आसमान के नीचे बच्चे पढ़ने को मजबूर हैं। खराब मौसम में पेड़ों के नीचे बच्चों की क्लास देखकर ग्रामीण भी हैरान है।
जिले में सिंगोली तहसील के गांव सुथारों की बड़ी में प्राथमिक स्कूल की बिल्डिंग पूरी तरह से जर्जर हो गई है। भवन की छत खस्ताहाल है, बरसात के दिनों में बिल्डिंग की छत टपकती है तो बच्चों पर पत्थर इत्यादि भी गिरते रहते हैं।
ग्रामीण इकबाल हुसैन ने बताया कि गांव में इस स्कूल की बिल्डिंग का निर्माण 15 साल पूर्व हुआ था। लेकिन अब यह जर्जर हो गई है प्लास्टर नीचे गिरने से बच्चों में घायल होने का भय बना रहता हैं।
हालांकि बीते साल 29 सितंबर को निरीक्षण के बाद स्वयं इंजीनियर ने भी इसे अनुपयोगी बताया है। इंजीनियर ने संस्था को लिखित में चेतावनी है की भवन की मरम्मत होने तक बच्चों को बिल्डिंग में ना बिठाएं।
संस्था में कार्यरत अध्यापकों ने बताया है कि स्कूल में कक्षा 1 से 5वी तक कुल 34 छात्र-छात्राएं पंजीकृत है। गांव के सभी बच्चे नियमित रूप से पढ़ने आते हैं लेकिन की सुरक्षा की मजबूरी है। उन्होंने बताया कि बरसात होने पर एकल कक्ष और बरामदे में बच्चों को कुछ देर के लिए बैठाया जाता है।
बताया जाता है कि स्कूल बिल्डिंग छत पूरी तरह जर्जर हो चुकी है, जो कभी भी गिर सकती है, बच्चे भी स्कूल के अंदर बैठने से डरते हैं।