सोजत में प्रतापगढ़ जिले से हजारों की संख्या में लिया भाग सतलोक आश्रम में 15 जोड़ों का सामूहिक दहेज मुक्त रमैणी विवाह संपन्न

सोजत में प्रतापगढ़ जिले से हजारों की संख्या में लिया भाग
सतलोक आश्रम में 15 जोड़ों का सामूहिक दहेज मुक्त रमैणी विवाह संपन्न
दिव्य धर्म यज्ञ दिवस पर उमड़ा जनसैलाब
विष्व के सबसे बड़े भण्डारे में रक्तदान, दहेज मुक्त शादियों का हुआ आयोजन,
251 यूनिट भक्तों ने किया रक्तदान
प्रतापगढ़, 11 नवम्बर। संत रामपाल महाराज द्वारा 509 में दिव्य धर्म यज्ञ दिवस पर सतलोक आश्रम रूपावास रोड सोजत पाली (राजस्थान) में तीन दिवसीय विशाल भंडारे का कार्यक्रम समाप्त हुआ। तीन दिवसीय महोत्सव में पांचवे वेद, सूक्ष्म वेद का अखंड पाठ, निःशुल्क नामदीक्षा, रक्तदान शिविर, दहेजमुक्त सामूहिक विवाह और निःशुल्क भंडारे का आयोजन किया गया था। ठीक कबीर परमेश्वरजी की तरह 509 सालों बाद आज जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल महाराज ने कुल 10 सतलोक आश्रमों में संपन्न करवाया तीन दिवसीय सदाव्रत भंडारा।
लड्डु, जलेबी, हलवे के साथ देसी घी में बना मोहन भंडारा
प्रतापगढ़ के जिला संयोजक नारायणदास व दिपेषदास ने बताया कि तीन दिवसीय सदाबहार भंडारे में शुद्ध देसी घी में बने बूंदी के लड्डु, जलेबी और हलवे का प्रसाद बांटा गया। महोत्सव में शामिल होने वाले श्रद्धालुओं के लिए दाल, सब्जी, चावल, खिचड़ी, पूड़ी, रोटी आदि स्वादिष्ट भोजन बनाया गया। 3 दिनों तक चलने वाले इस अखंड भंडारे में गुजरात और राजस्थान के विभिन्न जिलों से आए श्रद्धालुओं ने प्रसाद प्राप्त कर अपने जीवन को धन्य किया।
15 जोड़ों का सामूहिक दहेज मुक्त रमैणी विवाह संपन्न
उन्होंने बताया कि संत रामपाल महाराज द्वारा चलाई गई रमैणी विवाह की मुहिम के चलते भारत ही नहीं बल्कि पूरे विश्व से दहेज रूपी दानव का सफाया किया जा रहा है। दहेज रूपी दानव के खिलाफ एक कड़ा प्रहार करते हुए संत रामपाल महाराज ने आज समाज को एक बेमिसाल साधन प्रदान किया है जिसका नाम है रमैणी विवाह। रमैणी विवाह उस अंतर्जातीय विवाह को कहते हैं जिसमें किसी भी प्रकार का कोई जात पात या उंच नीच का भेदभाव नहीं किया जाता। महज 17 मिनट में दूल्हा दुल्हन एक दूसरे से शादी के बंधन में बंध जात हैं दहेज मुक्त विववाह रमैणी में हल्दी, मेहंदी, फेरे, वरमाला, मंगलसूत्र, डीजे, बैंडवाला, बारात, भात व मंडप इत्यादि नहीं होते।
251 यूनिट रक्तदान कर पेश की मानवता की मिसाल
जिला संयोजक ने बताया कि 8 नवंबर की रोज सतलोक आश्रम सोजत में रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया था। इसमें संत के शिष्यों द्वारा 251 युनिट रक्तदान किया गया अपने गुरुदेव द्वारा दी गई शिक्षाओं से प्रेरणा पाकर संत रामपाल के शिष्यों द्वारा समय समय पर जगह जगह रक्तदान शिविर लगाए जाते है जिसमें भारी तादाद में संत के शिष्यों को बढ़ चढ़ कर ब्लड डोनेट करते देखा गया है।
कुल नाम दीक्षा हुई 1000 के पार
संत रामपाल महाराज की शिक्षा को जानकर उनसे दिव्य धर्म यज्ञ दिवस के समारोह में आए लोगों ने नाम दीक्षा ली। 1325 शिष्यों से अधिक ने नाम दीक्षा लेकर सामाजिक बुराइयों को त्यागकर मोक्ष मार्ग में आगे कदम रखा। सत्संग में रामलाल मीणा एमएल प्रतिनिधि प्रतापगढ़ सहित हजारों की संख्या में शिष्यों ने सत्संग में शिरकत की।