प्रतापगढ़

स्कूटी वितरण में रही कई तकनीक खामियां, दो लीटर की जगह आधा लीटर पेट्रोल

स्कूटी वितरण में रही कई तकनीक खामियां, दो लीटर की जगह आधा लीटर पेट्रोल

प्रतापगढ़ जिले में बिना पंजीयन दस्तावेजों के बांट दी गई स्कुटी और स्कूटी वितरण में रही कई तकनीक खामियां, घटना दूर्घटना पर कौन होगा जिम्मेदार निदेशालय के निर्देशो की नही हुई पालना दो लीटर की जगह आधा लीटर पेट्रोल भरा गया स्कुटी में।
प्रतापगढ़ जिले में राज्य सरकार और इसके जनप्रतिनिध बालिका शिक्षा प्रोत्साहन योजना के तहत सोमवार को राजकिया बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय में इंदिरा प्रियदर्शनी अवार्ड के तहत तकरीबन 40 से अधिक मेघावी छात्राओ का सम्मान कर स्कुटी वितरीत कि गई। दो साल बाद वितरीत की जाने वाली स्कुटियों में भी अंतिम समय में भी तकनीकी खामियां पाई गई। और छात्राओं को पंजीयन दस्तावेजों के बगैर स्कुटियां वितरीत कर दी गई। जबकि पूर्व में प्रकाशित समाचार के दौरान जिला शिक्षा अधिकारी की ओर से स्कुटी वितरण में देरी होने के कारण बताते हुए कहा था कि पंजीयन प्रक्रिया में पूर्ण होते ही स्कुटी वितरण किया जाएगा। अब जब दो वर्ष के लम्बे अंतराल में भी पंजीयन प्रक्रिया में इस प्रकार की भारी भूल विभागीय कार्यप्रणाली की दक्षता पर संदेह उत्पन्न करता है।
घटना-दुर्घटना पर जिम्मेदार कौन होगा।

शिक्षा निदेशालय की ओर से जारी गाइड लाइन के मुताबिक स्कुटी उपलब्ध कराने वाली फर्म की जिम्मेदारी थी कि वह छात्राओं के नाम से पंजीयन दस्तावेज तैयार करवाये। जिससे की किसी भी प्रकार की आकस्मिक घटना घटित होने की स्थिति में वाहनधारी को इसकी भरपाई हो सके। लेकिन यहां वितरीत की गई स्कूटियों में पंजीयन दस्तावेज जिला शिक्षा अधिकारी के नाम से तैयार करवाये गए है। ऐसे में आकस्मिक घटना दुर्घटना पर क्या जिला शिक्षा अधिकारी, शिक्षण संस्था या सम्पूर्ण शिक्षा विभाग जिम्मेदार होगा। यह विचारणीय बिन्दू है।
निदेशालय के निर्देश
मेघावी छात्राओं को दी जाने वाली स्कूटी के लिए संबंधीत फर्म की ओर से वाहन के पंजीयन दस्तावेज, बीमा, ड्राईविंग र्लाइंसंेस, हेलमेट और स्कुटी में दो लीटर पेट्रोल भर कर दिए जाने के दिशा निर्देश निदेशालय की ओर से जिला शिक्षा अधिकारी को दिए गए थे। जिला शिक्षा अधिकारी की उदासीनता का आलम यह रहा कि उन्होंने अंत समय तक पंजीयन दस्तावेज देखने की जहमत तक नहीं उठाई। आनन फानन में समारोह का आयोजन कर स्कूटी वितरीत कर दी गई। लेकिन ज्यों ही उन्हें अपनी गलती का अहसास हुआ तो उन्होने तुरंत ही छात्राओं को प्रदान किए गए पंजीयन के दस्तावेज दूरस्तीकरण के नाम पर वापस ले लिए। इस संबंध में जिला शिक्षा अधिकारी से बात करनी चाही तो वे अपनी गलती पर पर्दा डालते नजर आए।
आखिर एक लीटर पेट्रोल कहां खपाया
निदेशालय की ओर से सभी स्कूटियों में दो-दो लीटर पेट्रोल भर कर छात्राओं को दी जानी थी। लेकिन संबंधित फर्म की ओर से केवल आधा से एक लीटर पेट्रोल भी भरा गया। इसके लिए संबंधीत फर्म का कहना है कि हमें दो लीटर पेट्रोल भरने की किसी ने नहीं कहा। इसके जवाब में जिला शिक्षा अधिकारी टालमटोल करते नजर आए।
समारोह में भी विधायक और सभापति के बीच चल रही धुला कुश्ती का प्रभाव यहां भी देखने को मिला। आयोजकों लिए सभापति और विधायक मीणा को एक मंच पर लाना अग्नि परीक्षा के समान साबित हुआ। सभापति रामकन्या प्रहलाद गुर्जर के बीच समारोह में से चले जाने के बाद ही विधायक रामलाल मीणा समारोह में हुएं शामिल।
योजना क्या है
राज्य सरकार की ओर से शिक्षा विभाग द्वारा इंदिरा प्रियदर्शनी अवार्ड योजना के तहत कक्षा 10वी और 12वीं की विभिन्न श्रेणियों में उच्च प्राप्तांक प्राप्त करने वाली बालिकाओं को प्रोत्साहन स्वरूप स्कूटी वितरण की जाती है। इस योजना में सत्र 2019-2020 एवं सत्र 2021-2022 में ऐसी 43 बालिकाओ को इस योजना में प्रोत्साहित किया जाना था। इसके लिए विभागीय उदासीनता और जनप्रतिनिधियों की शिथिलता के चलते दो सत्र बीतने के बाद भी बालिकाओं को स्कूटी नही मिल पाई है।
इस पर इनका कहना है कि
ये संबंधीत फर्म की गलती से हुआ है। हम शीघ्र ही छात्राआंे के नाम से पंजीयन दस्तावेज तैयार करवाकर छात्राओ को सौंप देगे। वही स्कूटी में पेट्रोल 2 लीटर भरा जाना था। लेकिन आधा लीटर ही भरा गया है। संबंधीत फर्म ने ऐसा क्यों किया उसकी जांच करवाई जाएगी। वसुमित्र सोनी
जिला शिक्षा अधिकारी (माध्यमिक),
स्कुटी वितरण् समारोह में उपस्थित छात्राओं को स्कुटी वितरण करते प्रतापगढ़ विधायक रामलाल मीणा।

तारूसिंह यादव

Tarusingh Yadav National Chautha Samay News City Reporter, Pratapgarh (Rajasthan), Contact: +91 88299 42088, Email: [email protected], Corporate Office Contact; +917891094171, +919407329171, Email' [email protected]

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