स्वामी विवेकानंद संदेश यात्रा के लिए समिति के सदस्यों ने व्यापारियों को दिया निमंत्रण

प्रतापगढ़। स्वामी विवेकानंद संदेश यात्रा को भव्य बनाने के लिए समिति के सदस्यों द्वारा शहर में व्यापारियों को डोर टू डोर निमंत्रण पत्र वितरित , 2 दिसंबर को शहर में निकलेगी यात्रा
प्रतापगढ़ /30 नवंबर /संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार द्वारा देश की आजादी के 75 वर्ष पूर्ण होने के अमृत महोत्सव पर एवं विवेकानंद कन्याकुमारी स्मारक को 50 वर्ष पूर्ण होने पर स्वर्ण जयंती के अवसर पर आयोजित देश एवं राजस्थान के हर जिले में विवेकानंद संदेश रथ यात्रा के आयोजन के क्रम में प्रतापगढ़ में उक्त यात्रा 2 दिसंबर को प्रवेश करेगी एवं शहर में बाण माता मंदिर किला परिसर से निकलेगी । स्वामी विवेकानंद संदेश यात्रा समिति प्रतापगढ़ के मीडिया प्रभारी गोपाल धाभाई ने बताया कि 2 दिसंबर को शहर में निकलने वाली विवेकानंद संदेश यात्रा को भव्य बनाने के लिए समिति के सदस्यों ने आज शहर के मुख्य बाजारों में स्थित दुकानों पर व्यापारियों को निमंत्रण पत्र वितरित किए और उन्हें यात्रा में शामिल होने और यात्रा का स्वागत करने हेतु आग्रह किया ।
धाभाई ने बताया कि यात्रा 2 दिसंबर को दोपहर 3:00 बजे श्री बाण माता मंदिर प्रांगण किला परिसर से प्रारंभ होकर कस्बा चौकी, माणक चौक, धानमंडी होकर सूरजपोल पहुंचेगी जहां नगर परिषद के बाहर विवेक सभा का आयोजन होगा एवं एलईडी के माध्यम से शहर के युवाओं एवम नगर वासियों को विवेकानंद की जीवनी और उनके जीवनकाल के प्रेरणा दायक प्रमुख प्रसंगों के बारे में बताया जाएगा । यात्रा में शहर के विभिन्न विद्यालयों के बच्चे भी शामिल रहेंगे । जिन विद्यालयों के बच्चे इस यात्रा में शामिल रहेंगे उनमें सर्वोदय स्कूल , मयूर स्कूल, पीजी कॉलेज प्रतापगढ़, लक्ष्य इंटरनेशनल ,आदर्श विद्यालय, डिवाइन पब्लिक स्कूल , भट्ठारक यश कीर्ति विद्यालय , विद्या निकेतन, आदर्श विद्यालय, सेंट्रल हाइट्स स्कूल एवं वनवासी कल्याण परिषद मुख्य रूप से शामिल है ।
समिति के जिला संयोजक डीडी सिंह राणावत एवं मुकेश जैन ने शहरवासियों से इस यात्रा में सहभागिता हेतु अपील की ।
शहर के मुख्य बाजारों में निमंत्रण पत्र वितरण के दौरान समिति के जिला संयोजक डीडी सिंह राणावत, मुकेश जैन , सहसंयोजक प्रतीक शर्मा , मीडिया प्रभारी गोपाल धाभाई शिक्षाविद गिरजा शंकर शर्मा , किशोर कुमार छाबड़ा , भाजपा के जिला मंत्री शांतिलाल मीणा, दुर्गा सिंह मोखमपुरा एवं भगवान सिंह गरदौड़ी मौजूद रहे।