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Big breaking:-सीएम शिवराज ने ओमिक्रॉन के बढ़ते मामलों को लेकर ली आपातकालीन बैठक क्या लिए गए महत्वपूर्ण निर्णय जानने के लिए पड़े खबर | The News Day

मध्यप्रदेश में कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए सीएम शिवराज ने गुरुवार दोपहर 3:30 बजे मंत्रालय में अधिकारियों की बड़ी बैठक बुलाई, सभी जिले के अधिकारियों को इस बैठक में आमंत्रित किया गया। इस बैठक में सभी जिले के कलेक्टर, कमिश्नर, आईजी, DIG सहित संबंधित विभाग के अधिकारी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से शामिल हुए, वही बैठक में बच्चों के वैक्सीनेशन सहित मध्य प्रदेश में लगातार बढ़ रहे केसों पर चर्चा की।
बैठक के दौरान सीएम ने कहा कि टेस्टिंग कराने समेत सभी व्यवस्थायें दुरुस्त करें। वही इंदौर कलेक्टर को सीएम ने निर्देश दिए, हमारा प्रयास है कि कोविड के मरीजों को कोविड केयर सेंटर में रखें। उन्हें अस्पताल ले जाने की आवश्यकता न पड़े। फीवर क्लीनिक एक्टिव कर दें, जिससे टेस्टिंग लोग आसानी से करा पाएं। इंदौर को सबसे ज्यादा सतर्क रहना है, क्योंकि लोगों की आवाजाही ज्यादा है। सभी व्यवस्थाओं को रिव्यू कर लिया जाए। युद्धस्तर पर तैयारी करें। हमें पूरी सर्तकता रखनी है, हमें अपनी तरफ से कोई कमी नहीं रहने देना है। क्राइसिस मैनेजमेंट कमिटियों की बैठक जिलों, ब्लॉकों व पंचायतों की करें। सारे कलेक्टर इसे गंभीरता से लें, 15-18 वर्ष के किशोरों को वैक्सीन लगाने का काम करना है। टीम के साथ मिलकर महाभियान की तरह इसे लें। हम सबसे पहले अपने बच्चों को सुरक्षित करे।
कांफ्रेंस में सीएम ने कहा कि 2 तारीख को मैं क्राइसिस मैनेजमेंट कमेटियों से बात करूंगा। सभी कलेक्टर्स को जो टारगेट दे रहे हैं, उसे पूरा करें, मुझे सबकी रिपोर्ट दें, क्राइसिस मैनेजमेंट कमेटी की बैठकें सभी ने कर ली हैं। नीचे तक के क्राइसिस ग्रुप से हम संपर्क में रहें। मास्क लगाने का आग्रह करें, रोका-टोकी अभियान जारी रखें, सोशल डिस्टेसिंग का पालन, अनावश्यक भीड़भाड़ से बचें। कोविड केयर सेंटर का उपयोग ज्यादा से ज्यादा करें, हर जिले में एक कोविड केयर सेंटर होना चाहिए, बाकी ब्लॉक, पंचायत में भी जरूरत होगी तो शुरू करेंगे। सभी मंत्री ऑक्सीजन प्लांट चेक कर ले।
दवाइयों की आपूर्ति सुनिश्चित करें। हम मैपिंग कर लें कि हमारे पास और प्राइवेट हॉस्पिटल के पास कितने बिस्तर हैं। एक एक चीज़ देख लें, कोई कमी नहीं रहनी चाहिए। कांट्रेक्ट ट्रेसिंग अभी हमारे हाथ में है, इसमें कोई लापरवाही हमें नहीं करनी है। बहाना नहीं चलेगा क्योंकि काम हमें ही करना है। अंतर्राज्यीय ट्रांजिट वाले स्थानों पर टेस्टिंग की व्यवस्था करें। 15 से 18 के किशोरों को वैक्सीनेशन जो लगनी है, उसकी व्यवस्था कर लें। 3 तारीख को प्रभारी मंत्रियों को इसे लांच करना है। समाज के प्रमुखों को अभियान से जोड़ें। फ्रंट लाइन वर्कर और 60 प्लस को भी वैक्सीन लगाने का काम करना है। यह चुनौती है, इसका सामना हमें करना है। यह डेल्टा की तरह खतरनाक नहीं है, लेकिन फिर भी हमें तैयारियों में कोई कमी नहीं रखनी है।

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